अयोध्या में इस साल की दिवाली बेहद खास होने जा रही है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा आयोजित ‘दीपोत्सव-2024’ की तैयारियां अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। इस साल रामनगरी अयोध्या 28 लाख दीपों की रोशनी से जगमग होगी, जो एक नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर कहा कि यह दिवाली विशेष है क्योंकि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद, भगवान रामलला अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं और यह उनकी पहली दिवाली है। आइए, जानते हैं इस खास दीपोत्सव से जुड़ी प्रमुख जानकारियां।

अयोध्या ‘दीपोत्सव-2024’ की खासियतें
अयोध्या में इस वर्ष ‘दीपोत्सव’ का 8वां संस्करण मनाया जा रहा है, जो 30 अक्टूबर को आयोजित होगा। हर साल की तरह इस बार भी सरयू नदी के घाटों पर लाखों दीप जलाए जाएंगे। इस साल का लक्ष्य 28 लाख दीयों का है, जिससे अयोध्या की पवित्र धरती पूरी तरह से रोशनी में डूब जाएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस दीपोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं।
पीएम मोदी का विशेष संदेश: ‘यह दिवाली होगी खास’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा, “इस बार की दिवाली खास है क्योंकि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद भगवान रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। यह पहली दिवाली है जब रामलला अपने नए मंदिर में होंगे, जो सभी के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण है।”
योगी सरकार ने इस मौके पर अयोध्या में विशेष आयोजन की योजना बनाई है। राम जन्मभूमि के नवनिर्मित मंदिर में पर्यावरण के अनुकूल दीपक जलाए जाएंगे, जिससे पर्यावरण को नुकसान न हो और श्रद्धालुओं को एक अनूठा अनुभव मिले।

28 लाख दीपों का अद्भुत नजारा
अयोध्या का ‘दीपोत्सव-2024’ हर साल देशभर से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस साल 28 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले सालों से कहीं ज्यादा है। सरयू नदी के घाटों पर ये दीप जलाए जाएंगे, जो अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाएंगे। अयोध्या में यह दीपोत्सव रामलला के मंदिर की भव्यता को और बढ़ाएगा और साथ ही भारतीय परंपराओं को जीवंत बनाए रखेगा।
विशेष दीपक रामलला के मंदिर में
इस साल रामलला के मंदिर में एक खास तरह का दीपक जलाने की योजना बनाई गई है। नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पहली दीपावली के लिए भव्य तैयारियां चल रही हैं। मंदिर परिसर में विशेष मोम के दीपक जलाए जाएंगे, जो पर्यावरण के अनुकूल होंगे और कम से कम कार्बन उत्सर्जन करेंगे। इस पहल से न केवल भक्तों को दिव्य अनुभूति होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा।

रामलीला के मंचन से सजेगा दीपोत्सव
अयोध्या में इस दीपोत्सव पर आध्यात्मिकता, परंपरा और संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। 30 अक्टूबर को रामकथा पार्क में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में उत्तराखंड की रामलीला के साथ-साथ छह देशों- म्यांमा, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे। यह आयोजन सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी रामायण के महत्व को दर्शाएगा।
अन्य राज्यों के कलाकारों की विशेष प्रस्तुतियां
दीपोत्सव पर कई राज्यों के कलाकार भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समां बांधेंगे। इसमें मध्य प्रदेश की निधि चौरसिया की टीम बधावा पर, असम की सनहल देवी बीहू पर, महाराष्ट्र की श्रद्धा लावणी पर, तेलंगाना के श्रीधर विश्वकर्मा गुसादी पर, झारखंड के सृष्टिधर महतो व उनकी टीम छाऊ नृत्य पर और बिहार की महिमा झिझिंया पर प्रस्तुतियां देंगी। राजस्थान की ममता देवी कालबेलिया/घूमर लोक नृत्य और जम्मू के मोहम्मद यसीन और उनकी टीम रउफ लोकनृत्य पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
अयोध्या में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम
अयोध्या के इस भव्य आयोजन के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रदेश पुलिस और प्रशासन हर गतिविधि पर नजर रख रहा है। डीजीपी प्रशांत कुमार खुद आयोजन की सुरक्षा और व्यवस्थाओं की देखरेख कर रहे हैं। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए अयोध्या में विशेष प्रबंध किए गए हैं।
